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Sharda Sinha का निधन, दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी और केजरीवाल ने जताया शोक

प्रसिद्ध लोक गायिका Sharda Sinha के निधन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अतिषी और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गहरा शोक व्यक्त किया है। शारदा सिन्हा का निधन 5 नवंबर 2024 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुआ। उनकी इस अपूरणीय क्षति ने न केवल भारतीय लोक संगीत जगत को बल्कि समूचे सांस्कृतिक परिदृश्य को भी हिला कर रख दिया।

शारदा सिन्हा के निधन पर शोक

दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिषी ने कहा कि शारदा सिन्हा का निधन भारतीय संगीत और संस्कृति के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। उन्होंने शारदा सिन्हा के संगीत को हमारे सांस्कृतिक धरोहर को संजोने वाला बताया। अतिषी ने अपने शोक संदेश में कहा, “शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुखद है। उन्होंने अपनी आवाज से हमारे सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का काम किया।”

वहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से लोक संगीत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। उनका मधुर स्वर हमेशा हमारे बीच अमर रहेगा। चठी मैया उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और उनके परिवार और प्रियजनों को इस कठिन समय में शक्ति दे।”

शारदा सिन्हा का संघर्षपूर्ण जीवन

शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिले में हुआ था और उन्होंने अपनी गायन यात्रा की शुरुआत बहुत ही साधारण परिस्थितियों से की थी। वह भोजपुरी, मैथिली और मगही लोक संगीत की एक महान गायिका के रूप में जानी जाती हैं। “बिहार कोकिला” के नाम से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा ने अपने जीवन में कई गाने गाए, जो विशेष रूप से छठ पूजा और विवाह जैसे पारंपरिक अवसरों पर गाए जाते थे। उनके गीतों ने समाज में एक विशेष स्थान बनाया और आज भी लोग इन गीतों को श्रद्धा से गाते हैं।

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बॉलीवुड में भी किया काम

शारदा सिन्हा केवल लोक गायिका ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड की भी एक लोकप्रिय गायिका थीं। उन्होंने फिल्म “गैंग्स ऑफ वासेपुर-2” में “तार बिजली” गाना गाया था, जो काफी प्रसिद्ध हुआ। इसके अलावा, फिल्म “हम आपके हैं कौन” में उनका गाया गाना “बाबुल” भी बहुत ही सराहा गया। उनके गीतों की मधुरता ने उन्हें बॉलीवुड में भी पहचान दिलाई और उनका नाम बड़े पर्दे पर भी गूंजने लगा।

परिवार और अंतिम संस्कार

शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमान सिन्हा ने सोशल मीडिया पर अपनी मां के निधन की सूचना दी। उन्होंने लिखा, “आप सभी की प्रार्थनाएं और प्यार हमेशा मां के साथ रहेगा। चठी मैया ने मां को बुला लिया है। अब मां हमारे बीच शारीरिक रूप से नहीं हैं।” शारदा सिन्हा के निधन से उनके परिवार और लाखों प्रशंसकों को गहरा दुख हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शारदा सिन्हा की तबियत को लेकर लगातार डॉक्टरों के संपर्क में थे और उनकी हालत पर नजर बनाए हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय लोक संगीत को समृद्ध किया और उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

शारदा सिन्हा का योगदान

शारदा सिन्हा ने न केवल लोक संगीत को बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजा। उनका योगदान अनमोल था, विशेष रूप से छठ पूजा के गीतों में। उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। “छठी मैया आई ना दुआरिया”, “कातिक मासे इजोरिया” और “कोयल बिन” जैसे गीतों ने शारदा सिन्हा को लोक संगीत का एक सितारा बना दिया।

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